गांव गुरुकुल उत्थान परिषद: Difference between revisions

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| '''इंडिआ (India)''' || '''भारत'''
अंग्रेजी पढ़ते और बोलते हैं। सत्ता में रहते हैं (जज, सरकारी अफसर, आईएएस, आईपीएस ,अन्य उच्च अधिकारी)। <br>
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अंग्रेजों की बनाई हुई दमनकारी व्यवस्था को आगे बढ़ाते हैं। भारत को पिछड़ा हुआ बताते हैं।
| अंग्रेजी पढ़ते और बोलते हैं। || आम जनता हिंदी और अन्य स्थानीय भाषाएं बोलती है।
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| सत्ता में रहते हैं (जज, सरकारी अफसर, आईएएस, आईपीएस ,अन्य उच्च अधिकारी)। अंग्रेजों की बनाई हुई दमनकारी व्यवस्था को आगे बढ़ाते हैं। यह धनी होते हैं। नौकरी मिलती है। शासक वर्ग। विदेशी यात्रा। विदेश में बैंक खाता। भारत को पिछड़ा हुआ बताते हैं। ||  नौकरी मिलना कठिन होता है। अपना उद्योग या दुकान करते हैं। टैक्स देते हैं। कृषि, हस्तकला, छोटे उद्योग आदि।
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'''चक्रव्यूह'''<br>
'''चक्रव्यूह'''<br>


[[लोकतंत्र]] की राज व्यवस्था में लोगों के विचारों को प्रभावित करती<br>
[[लोकतंत्र]] की राज व्यवस्था में लोगों के विचारों को प्रभावित करती<br>
- [[शिक्षा]]<br>
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- [[नेता]], [[नौकरशाह]] और इनके पीछे अदृश्य [[डीप स्टेट]]।<br>
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| [[धन]] || [[शिक्षा]]
- [[समाचार]] पब्लिक रिलेशन कंपनी<br>
- [[उद्योग]]<br>
- [[फिल्में]]<br>
- [[मोबाइल]]<br>
- [[सोशल मीडिया]]<br>


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| [[File:Puppet-kathputly.jpeg | 180px]]<br>[[नेता]], [[नौकरशाह]] और इनको कठपुतली की तरह नचातीं<br>विदेशी शक्तियां [[डीप स्टेट]] || [[समाचार]] <br>पब्लिक रिलेशन कंपनी
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धीरे-धीरे यह सब ही [[चक्रव्यूह]] के द्वार बन गए हैं।<br>
धीरे-धीरे यह सब ही [[चक्रव्यूह]] के द्वार बन गए हैं।<br>


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'''आप क्या कर सकते हैं?'''<br>



Latest revision as of 16:57, 26 March 2025

इंडिआ (India) भारत
अंग्रेजी पढ़ते और बोलते हैं। आम जनता हिंदी और अन्य स्थानीय भाषाएं बोलती है।
सत्ता में रहते हैं (जज, सरकारी अफसर, आईएएस, आईपीएस ,अन्य उच्च अधिकारी)। अंग्रेजों की बनाई हुई दमनकारी व्यवस्था को आगे बढ़ाते हैं। यह धनी होते हैं। नौकरी मिलती है। शासक वर्ग। विदेशी यात्रा। विदेश में बैंक खाता। भारत को पिछड़ा हुआ बताते हैं। नौकरी मिलना कठिन होता है। अपना उद्योग या दुकान करते हैं। टैक्स देते हैं। कृषि, हस्तकला, छोटे उद्योग आदि।

चक्रव्यूह

लोकतंत्र की राज व्यवस्था में लोगों के विचारों को प्रभावित करती

धन शिक्षा
मोबाइल सोशल मीडिया

नेता, नौकरशाह और इनको कठपुतली की तरह नचातीं
विदेशी शक्तियां डीप स्टेट
समाचार
पब्लिक रिलेशन कंपनी
उद्योग फिल्में

धीरे-धीरे यह सब ही चक्रव्यूह के द्वार बन गए हैं।


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