ईसाई
नजारथ गांव के जीसस के बारह से उनतीस (12-29) वर्ष तक का विवरण कहीं नहीं दिखाते। फिल्म
क्या आयु के इस कालखंड में जीसस भारत में आध्यात्म सीख रहे थे?
एक पुस्तक जो इसपर प्रकाश डालती है। लेह के हेमिस विहार में यह विवरण मिलता है। The unknown life of Jesus Christ, by Nicolas Notovitch, 1858
1945 में नए मोड़
चर्च का दुष्प्रचार - "sins are forgiven" सभी पाप क्षमा हो गए के कारण कई ईसाई पाप से नहीं घबराते।
उदाहरण - अमरीका का राष्ट्रपति बाईबिल की शपथ लेता है। इसी ईसाई देश अमरीका ने हिरोशिमा नागासाकी में 1945 में - दुधमुहें बच्चों, बूढ़ों और गर्भवती महिलाओं पर परमाणु बम गिराकर मार डाला। उस समय अमरीकी जनरल को पता था कि बम के प्रयोग के बिना भी वह जापान से जीत रहा था।
दूसरी ओर 1945 में ही मिस्र में नाग हम्मादी पुस्तकालय में पुराने ग्रंथ मिले।
चर्च के दुष्प्रचार से अलग व्यक्तिगत साधना की उन्नति हो रही है।
इसी पर आधारित पुस्तक द विंची कोड (2003) और इसी नाम की फिल्म (2006) भी बनी है।
2024
अभी भी चर्च हावी है और भारत में धर्मांतरण जोरों शोरों से चालू है। मीडिया इस पर चुप रहता है।
भाजपा को हिंदू-मुस्लिम तो पसंद है लेकिन हिंदू-ईसाई पर गहरी चुप्पी रहती है। क्या अमरीका की सामने ACYPL से शिक्षित नरेंद्र मोदी मजबूर है?