नरेंद्र मोदी की 1993 में अमरीका में ट्रेनिंग हुई थी। एसीवाईपीएल को सीआईए से जोड़कर देखा जाता है।

भाजपा

संघ (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ)

हिंदू प्रश्नों का, प्रखर प्रश्नों का - उत्तर नहीं देते।

हिंदुओं का भावनात्मक प्रयोग करके संघ के लिए इस्तेमाल करते हैं।

व्यक्तिगत अनुभव

पिछले रविवार (2024-अगस्त) संघ के कुछ लोग मेरे घर भी चंदा मांगने आए।


मैंने एक दो बातें रखीं

- मोहन भागवत जी भगवान के अवतार श्रीराम को महापुरुष क्यों कहते हैं?


बात ही बात में संघी ने कहा - संघ के पास हिंदू की कोई परिभाषा नहीं है?


तब से सोच में पड़ा हूं 🤔

75 साल में हिंदू की परिभाषा नहीं कर सके, तो हिंदू हित कैसे करते होंगे?


पहले हिंदू परिभाषित कर लेते फिर चंदा मांगने आते। संघी परिभाषित नहीं कर पाए, तो दूसरे हिंदुओं से सीख लेते।


हां एक बात स्पष्ट है, हिंदुओं से चंदा मांगने में इन्हें लज्जा नहीं आती 😞


अनुमान लगाया हूं कि एक कारण हो सकता है कि परिभाषा स्वीकार कर लेंगे तो जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी।

"गैर जिम्मेदारी की राजनीति" पर शंकर शरण जी पहले ही लिख चुके हैं।


सदियों पुरानी परिभाषा ही लें "तीन ग - गाय, गंगा और गीता"

1. गौमांस निर्यात में देश विश्व में तीसरे स्थान पर है। (2023)

2. गंगा जी के घाट पर पानी के नीचे, मात्र एक सीढ़ी दिखाई पड़ती है। (2024 बनारस में)

3. गीता तो सौ में से किसी एक घर में मिलती है। क्या पढ़ी जाती है? कहना कठिन है।