हिन्दू धर्म: Difference between revisions
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'''मंदिर''' में सिर्फ फूलमाला, दर्शन, प्रसाद और दान दक्षिणा तक ही बचा है। | '''मंदिर''' में सिर्फ फूलमाला, दर्शन, प्रसाद और दान दक्षिणा तक ही बचा है। | ||
*[https://www.mkgandhi.org/jpnarayan/hindu_revival.htm 1966 में नैतिकता के संकट और हिंदू धर्म की स्थिति पर भारत रत्न जयप्रकाश नारायण "जेपी (JP)" के विचार] | |||
*[ | *[http://voiceofdharma.org/books/hsus/index.htm सीताराम गोयल का सटीक आंकलन 1994] | ||
== ब्राह्मणवाद == | == ब्राह्मणवाद == |
Latest revision as of 16:49, 7 September 2023
व्रत उपवास
हमारी सनातन संस्कृति पर गर्व कीजिए। इसमें व्रत, उपवास के द्वारा - भोजन और पसंद पर नियंत्रण कर पाते हैं।
जब मांसाहार के भयानक परिणाम सारे देशों को जकड़ चुके हैं। हमारी स्थिति अभी भी बहुत अच्छी है।
मैप में लाल रंग से खतरा दिखाया है। विश्व गुरु भारत अभी तक हरा है।
साधना से भगवान
जप, ध्यान, साधना से भगवान का प्रेम पाने की बात सिर्फ हिन्दू धर्म में है।
वर्तमान
स्कूलों में भाषा, तकनीक और सतही जानकारी देकर छोड़ दिया जा रहा है। धर्म की शिक्षा स्कूल से गायब है।
घरों में कोई बताने समझाने वाला नहीं है।
मंदिर में सिर्फ फूलमाला, दर्शन, प्रसाद और दान दक्षिणा तक ही बचा है।
ब्राह्मणवाद
जन्म से ब्राह्मण, मैकाले शिक्षा पद्धति में पढ़े हुए, धर्म को न जानने वाले, दुष्ट चरित्र के लोग भी ब्राह्मण का नाम लेकर अपराध करते हैं। इसमें सुधार की जरूरत है।