अब्बासियों द्वारा फैलाया गिरोह - असली मक्का़ कौन सा है?

भारत में क्या हुआ था

तलवारों के सामने कुछ हिंदू, जान के डर से मुसलमान बने थे। लेकिन इसको आज के मुसलमान पूर्वजों की गलती सुधार कहते हैं।

मौलवी उन्हें श्रेष्ठता का भ्रम बचपन से भरते हैं। इस भ्रम को ही तोड़ना पड़ता है। इनके दावे

  • कुरान एक है।

कुरान के तीस अलग-अलग संस्करण हैं। इनमें बहुत सारे भेद हैं। इसका जोरदार खंडन हो चुका है।

चार वीडियो श्रंखला - भाग १, भाग २, भाग ३ और भाग ४

पुस्तकें - कुरान में भेद पर शोध, [1]

  • अल्लाह का कलाम है।

कुरान में उससे पहले उपलब्ध गिंजा रब्बा और अन्य पुस्तकों के अंश मिलते हैं।

  1. Challenge to Islam for Reformation: The Rediscovery and reliable Reconstruction of a comprehensive pre-Islamic Christian Hymnal hidden in the Koran under earliest Islamic Reinterpretations by Gunter Luling
  2. The Syro-Aramaic Reading of the Koran: A Contribution to the Decoding of the Language of the Koran by Christoph Luxenberg

मौलाना

मदरसे में मौलाना द्वारा बच्चियों का शोषण

Muslim

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Youtube 2023-June 2023-Nov 2024-June
Mufti Tariq Masood Speeches 38.1 L 41.8 L 45.6 L
Islamic Speeches 5.7 L 5.9 L 6.27 L

ExMuslim

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Youtube 2023-June 2024-June Notes
Uncompromising India (F) 1.26 L 1.47 L Women channel focussing on social issues - marriage stability, beating in family etc
Syeda Esha (F) 4.5 K 14.3 K
ExMuslim Yasmin Khan (F) 90.7 K 90.6 K
Sahil Official 3.6 L 5.64 L Quranic morality
Zafar Heretic 2.4 L 4.01 L Quranic morality
Adam Seeker Urdu 1.23 L 2.16 L Quranic morality
Nabi Asli 45.1 K 1.24 L
Quranwala / Sachwala 1.03 L 1.07 L कुरान के दो मुहम्मद - इब्न-ए-मरियम इसा मसीह और हदीस के मुहम्मद
Adam Seeker Hindi 57.6 K 74.5 K
Sachwala Abdul Hamid 36.6 K 59.5 K
Faiz Alam 45.2 K 53.2 K
Adam Seeker 33.7 K 51.4 K
Deeni Bhai 11.5 K 21.7 K

हिंदू सभ्यता से कनेक्शन

असली मक्का अर्थात पेट्रा नगर में दशहरा का मंदिर था। अब्बासी गिरोह से पहले, लोग यहां तीर्थयात्रा पर जाते थे। मंदिर का उल्लेख


इन्हें देवता से कोई समस्या नहीं थी लेकिन देवता की मूर्ति की जगह देवता का यंत्र स्वीकार करते थे।

घर वापसी (जिनके पूर्वज हिंदू थे)

 

अभी तक इसका कोई बहुत प्रचलित समाधान नहीं है। लेकिन एक संभावना है


कर से करू दान मान, मुख से जपो राम नाम

वाही दिन आवैका जाही दिन जाना है - संत कबीरदास


अन्य लोगों से नफरत छोड़कर सम्मान करना, दान करना, राम-नाम का जाप करना और जीवन की क्षण-भंगुरता का विचार करना।

चूंकि धर्म से अलग होकर कई पीढ़ियां बीत गईं, तो वर्ण-व्यवस्था में वापस आना संभव नहीं है, इसलिए अपने जैसे "घर वापसी" किए हुए लोगों में ही विवाह करिए।