एकम सनातन भारत दल

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स्वयंबोध

1. ​केवल विकास नहीं, अध्यात्म, संस्कृति, सही इतिहास, क्षेत्रीय भाषा और पर्यावरण के साथ संपूर्ण विकास।


संविधान की प्रस्तावना में अवैध रूप से जोड़े गए सेक्यूलर और समाजवाद को हटाकर राम राज्य की स्थापना का लक्ष्य रखना ।

अनुच्छेद 30 को संशोधित कर हिंदुओं को भी अपने स्वायत्त शिक्षण संस्थान स्थापित एवं संचालित करने का मौलिक अधिकार देना।

संविधान में संशोधन कर भारत की राजसत्ता को संवैधानिक तौर पर बाध्य करेगा कि वह भारत का सनातन बाहुल्य चरित्र सदा सदा के लिए सुनिश्चित एवं संरक्षित करे।

समीक्षा कर सनातन संस्कृति एवं सभ्यता को हानि पहुंचाने वाले अनुच्छेद, कानून एवं धाराओं को निरस्त करना।


2. मंदिर और मठों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करवाना। Places of Worship Act, 1991 तत्काल निरस्त करना। मंदिरों में भगवान के अधिकार को सर्वोच्च रखना।

कश्मीर स्थित भगवान भास्कर के प्राचीन मार्तंड सूर्य मंदिर, मथुरा का श्रीकृष्ण जन्मभूमि और काशी के ज्ञानवापी तीर्थ क्षेत्र की पुनर्स्थापना करना।


3. समस्त हिमालयी राज्यों का सनातनी स्वरूप अक्षुण्ण रखना। ​​जम्मू और काश्मीर का पुनर्गठन कर काश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बाँटकर हिंदू बहुल जम्मू संभाग को स्वतंत्र राज्य बनाना।

भारतीय सेना के परंपरागत ढांचे को अक्षुण्ण रखना और सेना एवं पुलिस का सशक्तिकरण व आधुनिकीकरण करते हुए सैनिकों, पूर्व सैनिकों एवं उनके परिवारों को उचित सम्मान दिलाना।


4. ​गो-हत्या पर संपूर्ण प्रतिबंध लगाकर गाय, गंगा और रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करना।


5. ​विश्व के सभी सनातनधर्मियों के लिए भारत को उनका प्राकृतिक राष्ट्र घोषित कर उनके लिए नागरिकता का मार्ग खोलना।


शत्रुबोध

6. ​संविधान में संशोधन कर केवल 5% से कम जनसंख्या वाले समाज को ही अल्पसंख्यक का दर्जा देना।

वक्फ एक्ट एवं सच्चर कमेटी को तत्काल निरस्त करना।


7. ​​धर्मांतरण पर पूरी तरह से रोक लगाना।।

जनसांख्यिकी हमले (Demographic Invasion) को रोकना और इस समस्या से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में जनसांख्यिकी संतुलन तत्काल स्थापित करना। हिंदू नरसंहार एवं जनसांख्यिकी परिवर्तन (भूमि जिहाद अथवा अन्य साधनों से) भारत की राजसत्ता के विरुद्ध किए गए अपराध माने जाएँगे जिनको लेकर मृत्युदंड का प्रावधान कानून द्वारा सुनिश्चत किया जाएगा।