भारत में शेयर बाजार को बनाया ही धूर्त और हत्यारे ब्रिटेन ने 1875 में था। वहां सदा से धूर्तता, छल-कपट और जुआ होता रहा है।

शेयर बाजार विकिपीडिया पर


कुल सूचित कंपनियां - 5540 (2024-दिसंबर)
कुल शेयरों का मूल्य - 462 लाख करोड़ रुपए

भारतीय दर्शन संचय को दोष माना गया है।

अपरिग्रह - पातंजलि योगसूत्र, साधनपाद, सूत्र ३०

अति संचय को पाप का मूल माना गया है।

शेयर बाजार में बड़ी कंपनियां ही सूचित होती हैं। यह अति संचय और निवेशकों के लोभ का दोहरा संयोग बनता है।